Delhi nagar nigam chunav: नई दिल्ली। दिल्ली हाईकोर्ट ने दिल्ली राज्य निर्वाचन आयोग से यह बताने के लिए कहा है कि आगामी दिल्ली नगर निगम चुनाव के लिए उसके पास मौजूद कितने इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (EVM) वोटर वेरिफाइड पेपर ऑडिट ट्रेल (VVPAT) के अनुकूल हैं। साथ ही यह भी बताने के लिए कितने ईवीएम में वीवीपीएटी के अनुकूल नहीं है। न्यायालय ने इस बारे में जवाब दाखिल करने के लिए आयोग को 10 दिन का वक्त दिया है।
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जस्टिस रेखा पल्ली ने आप विधायक सौरभ भारद्वाज की ओर से दाखिल याचिका पर यह निर्देश दिया है। साथ ही मामले की अगली सुनवाई 29 अप्रैल तय की है। राज्य निर्वाचन आयोग की ओर से अधिवक्ता सुमीत पुष्करणा ने न्यायालय को बताया कि ईवीएम की आपूर्ति के लिए वह भारत के निर्वाचन आयोग (ECI) पर निर्भर है। साथ ही कहा है कि 29 हजार से अधिक कंट्रोल यूनिट और 32 हजार से बैलेट यूनिट बिहार के 12 जिलों से उधार लिया है। कंट्रोल यूनिट और बैलेट यूनिट ईवीएम के दो मुख्य घटक हैं। उन्होंने कहा कि इन इन ईवीएम को आयोग तक पहुंचाने में लगभग एक महीने का समय लगेगा। अधिवक्ता पुष्ककरना ने भले ही भारत में स्थानीय निकाय चुनावों के लिए गैर-वीवीपीएटी मशीनों का उपयोग किया जाता है, लेकिन यदि आगामी नगर निगम का चुनाव वीवीपीएटी युक्त ईवीएम से कराए जाते हैं तो इस पर कोई आपत्ति नहीं होगा, बशर्ते कि इसके लिए ईसीआई द्वारा आवश्यक मशीनरी की उपलब्धता हो।
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आप विधायक भारद्वाज की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता राहुल मेहरा ने न्यायालय को बताया कि राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा बिहार से मंगाई गए ईवीएम के इकाइयों के कुछ मॉडल वीवीपीएटी के अनुकूल नहीं हैं। उन्होंने कहा कि ऐसे में यह खुलासा किया जाना चाहिए कि देशभर में कितनी ईवीएम वीवीपीएटी के अनुकूल हैं। इस पर आयाोग की ओर से अधिवक्ता पुष्करणा ने कहा कि जब राजनीतिक दलों को पहले वीवीपीएटी के बिना ईवीएम के उपयोग के बारे में सूचित किया गया था, तो उनके द्वारा कोई आपत्ति नहीं जताई की गई थी। इससे पहले, वीवीपीएटी युक्त ईवीएम से नगर निगम चुनाव कराने की मांग पर उच्च न्यायालय ने भारतीय निर्वाचन आयोग और दिल्ली निर्वाचन आयोग को नोटिस जारी कर जवाब मांगा था। न्यायालय ने यह बताने के लिए कहा था कि एम-2 ईवीएम वीवीपैट प्रणाली के अनुकूल है या नहीं। न्यायालय ने आप विधायक सौरभ भारद्वाज की याचिका यह आदेश दियाा था। उन्होंने नगर निगम चुनाव वीवीपैट युक्त ईवीएम मशीन से कराने की मांग की है। इससे पहले भारतीय निर्वाचन आयोग ने न्यायालय को बताया कि एम-2 ईवीएम वीवीपैट के अनुकूल नहीं है, जबकि राज्य निर्वाचन कार्यालय ने कहा कि एम-2 ईवीएम वीवीपैट के अनुकूल है।