लुटियन दिल्ली का बंगला होगा पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद का नय ठिकाना, ढाई लाख रुपये मिलेगी पेंशन

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भारत के 14वें राष्ट्रपति के रूप में कार्यकाल खत्म होने के बाद रामनाथ कोविंद आजीवन लुटियन दिल्ली में आलीशान बंगले रहेंगे और उन्हें ढाई लाख रुपये की पेंशन मिलेगी। सेवानिवृत्त राष्ट्रपति एक निजी सचिव, एक अपर निजी सचिव, एक निजी सहायक, दो चपरासी, और कार्यालय खर्च के तौर पर प्रति वर्ष एक लाख रुपये तक के हकदार हैं। राष्ट्रपति का वेतन और पेंशन अधिनियम, 1951 के अनुसार सेवानिवृत्त राष्ट्रपति मुफ्त चिकित्सीय परिचर्या और उपचार के हकदार हैं और भारत में कहीं भी एक व्यक्ति के साथ वायुयान, रेल या स्टीमर द्वारा उच्चतम श्रेणी की यात्रा के हकदार हैं। भारत के राष्ट्रपति को हर महीने 5 लाख रुपये मिलते हैं।

अधिनियम के अनुसार, कोई पूर्व राष्ट्रपति, जो अपने कार्यकाल की समाप्ति के बाद या इस्तीफा देकर पद छोड़ देता है, उसे अपने शेष जीवन के लिए प्रति माह राष्ट्रपति के वेतन के 50 प्रतिशत की दर से पेंशन मिलती है। हालांकि, यदि कोई व्यक्ति राष्ट्रपति का पद ग्रहण करने से पहले उपराष्ट्रपति का पद धारण कर चुका है, तो वह उपराष्ट्रपति पेंशन अधिनियम, 1997 के प्रावधानों के तहत किसी भी पेंशन और अन्य लाभों का हकदार नहीं होगा। साल 1951 के अधिनियम के अनुसार, सेवानिवृत्त राष्ट्रपति अपने शेष जीवन के लिए किराए के भुगतान के बिना एक सुसज्जित आवास (इसके रखरखाव सहित) , दो टेलीफोन (जिनमें से एक इंटरनेट और ब्रॉडबैंड कनेक्टिविटी के लिए), राष्ट्रीय रोमिंग सुविधा वाला एक मोबाइल फोन और एक कार, या कार लेने के लिए भत्ता के हकदार होंगे।

कानून के मुताबिक, यदि राष्ट्रपति की मृत्यु हो जाती है या इस्तीफा देते हैं अथवा कार्यकाल पूरा हो जाता है तो राष्ट्रपति के जीवनसाथी शेष जीवन के लिये उस पेंशन के, जो सेवानिवृत्त राष्ट्रपति को मिलती है, 50 प्रतिशत की दर से पारिवारिक पेंशन के हकदार होंगे। राष्ट्रपति के जीवनसाथी भी अपने शेष जीवन के लिए नि:शुल्क चिकित्सा देखभाल और उपचार के हकदार होते हैं। ऐसे जीवनसाथी लाइसेंस शुल्क के भुगतान के बिना सुसज्जित आवास (इसके रखरखाव सहित) के उपयोग के हकदार होंगे। वह एक निजी सचिव और एक चपरासी के साथ सचिवीय कर्मचारी और प्रति वर्ष 20,000 रुपये तक के कार्यालय खर्च के भी हकदार हैं।

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