दिल्ली उच्च न्यायालय में एक जनहित याचिका दायर कर दिल्ली सरकार को राष्ट्रीय राजधानी के सभी सरकारी स्कूल में छात्राओं के लिए सैनिटरी नैपकिन की सुविधा तत्काल बहाल करने का निर्देश देने का अनुरोध किया गया है। इस याचिका पर सोमवार को सुनवाई होने की संभावना है। गैर सरकारी संगठन ‘सोशल जूरिस्ट’ द्वारा दायर याचिका में कहा गया है कि जनवरी 2021 से शिक्षा निदेशालय (डीओई) दिल्ली के सरकारी स्कूल की छात्राओं को किशोरी योजना के तहत सैनिटरी नैपकिन उपलब्ध नहीं करा रहा है, जिससे उन्हें परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
अधिवक्ता अशोक अग्रवाल और कुमार उत्कर्ष के माध्यम से दायर याचिका में कहा गया है कि डीओई ने किशोरी योजना को अपनाया था, जिसके तहत दिल्ली के सरकारी विद्यालयों में पढ़ने वाली छात्राओं को उनकी व्यक्तिगत स्वच्छता और सामान्य स्वास्थ्य बनाए रखने तथा पढ़ाई में बाधा को दूर करने के लिए सैनिटरी नैपकिन प्रदान किए जाने थे। याचिका में कहा गया, ”डीओई ने एक परिपत्र के माध्यम से सरकारी और सरकारी सहायता प्राप्त विद्यालयों के प्रमुखों को छात्राओं को सैनिटरी नैपकिन वितरित करने का निर्देश दिया था। याचिका में कहा गया है कि छात्राओं के लिए सैनिटरी नैपकिन सुविधा की बहाली उनकी व्यक्तिगत स्वच्छता और सामान्य स्वास्थ्य के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है क्योंकि इसकी गैरमौजूदगी में उनकी शिक्षा और उपस्थिति पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। याचिका में दलील दी गई है कि डीओई की ओर से सैनिटरी नैपकिन प्रदान नहीं करने की कार्रवाई तर्कहीन, अनुचित, मनमाना, संविधान के तहत प्रदत्त शिक्षा के मौलिक अधिकार के साथ नि:शुल्क एवं अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार कानून तथा दिल्ली स्कूल शिक्षा कानून का भी उल्लंघन है।
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