कांग्रेस का आरोप, मुफ्त अनाज पाने वालों से नए नियम के जरिये वसूली की तैयारी में यूपी सरकार

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कांग्रेस ने शनिवार को आरोप लगाया कि उत्तर प्रदेश में नए सख्त नियमों के जरिये उन लोगों के खिलाफ कुर्की और वसूली संबंधी कार्रवाई की तैयारी हो रही है जिन्हें कोरोना काल में मुफ्त राशन मुहैया कराया गया था। पार्टी प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने यह आरोप भी लगाया कि उत्तर प्रदेश शासन का कदम खाद्य सुरक्षा कानून का उल्लंघन है। उन्होंने संवाददाताओं से कहा, भारतीय जनता पार्टी के सभी नेता और खुद प्रधानमंत्री बार-बार ये जताने से नहीं चूकते कि कैसे उन्होंने आपात समय के दौरान मुफ्त राशन बांटा, लेकिन असलियत यह है कि लोगों को दो जून की रोटी भी चुनावों को ध्यान में रखकर दी गई थी और अब जब चुनाव खत्म हो गए हैं तो लोगों के पेट पर लात मारने की तैयारी हो चुकी है।

सुप्रिया ने कुछ दस्तावेज जारी करते हुए दावा किया, इनमें से कुछ उत्तर प्रदेश के जिला आपूर्ति अधिकारियों और जिलाधिकारियों की ओर से जारी किये गए हैं। इनमें साफ तौर पर कहा गया है कि नए नियमों के तहत राशन कार्ड के लिए वे लोग ही पात्र होंगे जिनकी खुद की जमीन न हो, पक्का मकान न हो, भैंस, बैल, ट्रैक्टर ट्रॉली आदि नहीं हो, मोटरसाइकिल ना हो, मुर्गी पालन और गौ पालन ना करता हो, शासन की ओर से कोई वित्तीय सहायता न मिलती हो, बिजली का बिल न आता हो, जीविकोपार्जन के लिए कोई आजीविका का साधन न हो।

उन्होंने कहा, ऐसे तमाम मानकों के जरिए अपात्र घोषित कर राशन कार्ड तुरंत निरस्त कर दिया जायेगा। अगर ये तथाकथित अपात्र लोग स्वयं राशन कार्ड नहीं देते हैं तो इनसे कोरोना जैसी महामारी के दौरान दिए गए राशन की वसूली और कुर्की तक की जाएगी। कांग्रेस प्रवक्ता ने दावा किया, इस देश में 84 प्रतिशत लोगों की आय कम हो गई है, लोगों की नौकरियां नष्ट हो गयीं, महंगाई से लोगों की कमर टूट रही है। उस दौरान यह निर्णय लिया गया है कि कोई भी राशन कार्ड धारक अगर अयोग्य पाया जाता है तो उससे 24 रुपये प्रति किलोग्राम गेहूं, 32 रूपये प्रति किलोग्राम चावल की दर से वसूली होगी। उन्होंने सवाल किया, लोगों से तो आप कुर्की की धमकी देकर, वसूली का डर दिखाकर राशन कार्ड जबरन वापस ले लेंगे लेकिन उन अधिकारियों का क्या होगा जिन्होंने तथाकथित अपात्रों को राशन कार्ड दिए? उनके खिलाफ़ क्या कार्रवाई होगी? उन्होंने अरोप लगाया कि उत्तर प्रदेश में खाद्य सुरक्षा कानून का उल्लंघन किया जा रहा है।

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