उच्च गति वाली ट्रेन के जरिये माल की ढुलाई के लिए विशेष रूप से बनाए गए पूर्वी और पश्चिमी ‘फ्रेट कॉरिडोर’ (गलियारे) का इस्तेमाल जरूरत पड़ने पर यात्री ट्रेनों द्वारा भी किया जा सकेगा। रेलवे बोर्ड की ओर से जारी एक आदेश में यह जानकारी दी गई। सूत्रों ने बताया कि ट्रेन दुर्घटना या प्राकृतिक आपदा के समय यह लागू होगा जब यात्रियों को उनके गंतव्य तक ‘डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर’ (डीएफसी) के समानांतर नेटवर्क के जरिये ले जाया जाएगा। इस कदम से दिल्ली-हावड़ा और दिल्ली-मुंबई मार्ग पर जाने वाले यात्रियों को लाभ होगा।
यह रेल मार्ग दोनों डीएफसी के समानांतर जाता है। आदेश में कहा गया, रेलवे बोर्ड ने निर्णय लिया है कि जरूरत पड़ने पर, डीएफ सीसीआईएल नेटवर्क पर यात्री ट्रेनों की अनुमति दी जाएगी। रेलवे बोर्ड के अधिकारियों ने कहा कि पूर्वी और पश्चिमी डीएफसी का निर्माण केवल माल ढुलाई के लिए किया जा रहा है और नियमानुसार, उच्च गति (सौ किमी प्रति घंटा) वाली मालगाड़ी इन पर दौड़ती है। उन्होंने कहा कि डीएफसी पर यात्री ट्रेनों की अनुमति नहीं है। बोर्ड ने विशेष परिस्थितियों में डीएफसी पर यात्री ट्रेनों को चलाने की अनुमति दी है।
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