Delhi MCD Election 2022: दिल्ली नगर निगम चुनाव को लेकर हाईकोर्ट ने पूछा, EC बताएं क्या VVPAT युक्त EVM मुहैया कराई जा सकती हैं

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उच्च न्यायालय (Highcourt) ने मंगलवार को निर्वाचन आयोग (EC) से बताने के लिए कहा है कि ‘क्या वीवीपैट प्रणाली का उपयोग केवल एम-3 EVM के साथ किया जा सकता है। न्यायालय ने निर्वाचन आयोग से यह भी बताने के लिए कहा है कि क्या दिल्ली नगर निगम चुनाव में राज्य निर्वाचन आयोग को एम-3 ईवीएम मुहैया कराया जा सकता है। जस्टिस रेखा पल्ली ने आयोग के ओर से पेश अधिवक्ता से इस मसले पर सक्षम अधिकारियों से निर्देश प्राप्त करने जानकारी देने को कहा है। उन्होंने इसके साथ ही अगली सुनवाई 24 मार्च को संबंधित अधिकारियों को मौजूद रहने का आदेश दिया है। उन्होंने कहा कि आयोग के वकील सक्षम अधिकारियों से निर्देश प्राप्त करेंगे कि क्या वीवीपैट का इस्तेमाल केवल एम-3 ईवीएम के साथ किया जा सकता है और क्या यह ईवीएम दिल्ली राज्य निर्वाचन आयोग को मुहैया कराई जा सकती है या नहीं। उन्होंने यह भी बताने के लिए कहा है कि यदि यह ईवीएम मुहैया कराई जा सकती है तो त्रइसमें कितना वक्त लगेगा।

उच्च न्यायालय ने आप विधायक सौरभ भारद्वाज की ओर से दाखिल याचिका पर यह आदेश दिया है। याचिका में दिल्ली नगर निगम के अगामी चुनाव में दिल्ली के राज्य निर्वाचन आयोग को वीवीपीएटी युक्त इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों (ईवीएम) के इस्तेमाल करने की मांग की है। इससे पहले राज्य निर्वाचन आयोग की ओर से अधिवक्ता ने कहा कि वीवीपीएटी का उपयोग केवल आम चुनावों और विधान सभा चुनावों में किया जाता है। साथ ही कहा कि तय नीति के अनुसार निर्वाचन आयोग देशभर में नगरपालिका चुनावों के लिए एम -2 ईवीएम का उपयोग किया जा रहा है। एम-2 ईवीएम दूसरी पीढ़ी की इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन है, जबकि एम-3 तीसरी पीढ़ी की इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन है। राज्य निर्वाचन आयोग की ओर से अधिवक्ता सुमीत पुष्करणा ने न्यायालय ने कहा है कि यदि राज्य निर्वाचन आयोग उन्हें ( राज्य निर्वाचन आयोग) वीवीपीएटी युक्त ईवीएम देता है, तो वे इसका उपयोग नगर निगम चुनाव में करेंगे। उन्होंने कहा कि चूंकि एम-2 ईवीएम का इस्तेमाल पूरे भारत में किया जा रहा है, इसलिए उनकी वैधता पर भी कोई सवाल नहीं उठाया जा सकता है।
इस पर निर्वचन आयोग की ओर से अधिवक्ता सुरुचि सूरी ने न्यायालय को बताया कि वीवीपीएटी युक्त मशीनों के इस्तेमाल के बारे में एक प्रक्रिया का पालन किया जाना है और उन्हें ऐसा कोई अनुरोध नहीं मिला है। इस पर न्यायालय ने कहा है कि कहा कि ‘यह बड़ा दिलचस्प है कि एक निकाय आकर यदि चुनाव आयोग वीवीपीएटी युक्त ईवीएम देता है तो हम इसका इस्तेमाल कर सकते हैं। फिर निर्वाचन आयोग आता है और कहता है कि हमसे संपर्क नहीं किया गया है।

इस पर आप विधायक की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता राहुल मेहरा ने कहा कि यदि मशीनें उपलब्ध हैं, तो उन्हें दिल्ली नगर निगम में निष्पक्ष चुनाव कराने के लिए इस्तेमाल किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि यदि मशीनें उपलब्ध नहीं हैं तो यह एक अलग मुद्दा है। याचिकाकर्ता ने यह भी कहा है कि वीवीपीएटी मशीनों के बिना ईवीएम मशीनों की सटीकता का पता लगाना और किसी भी तरह की छेड़छाड़ से इंकार करना लगभग असंभव बना देती है। आप नेता ने याचिका में कहा है कित वीवीपीएटी के बिना पुराने एम -2 ईवीएम का उपयोग सुब्रमण्यम स्वामी बनाम भारत चुनाव आयोग के मामले में सुप्रीम कोर्ट द्वारा पारित फैसले के खिलाफ है।

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