राष्ट्रीय राजधानी में चलाए गए अतिक्रमण-रोधी अभियान को लेकर ‘गलतफहमी’ दूर करने के लिए दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) ने गुरुवार को एक हेल्पलाइन नंबर जारी किया, जिस पर लोग अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई को लेकर स्पष्टीकरण मांग सकते हैं। निगम ने यह कदम तब उठाया गया है जब आम आदमी पार्टी (आप) ने आरोप लगाया कि एमसीडी शहर में अतिक्रमण हटाने के अभियान के जरिए गरीबों को निशाना बना रही है। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरवाल ने 16 मई को आप के सभी विधायकों के साथ एक बैठक की थी और उनसे अतिक्रमण हटाने के ऐसे अभियानों का विरोध करने को कहा था।
केजरीवाल ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर सत्ता का दुरुपयोग करने का आरोप लगाते हुए कहा था कि दिल्ली में एमसीडी का अतिक्रमण विरोधी अभियान 63 लाख लोगों को बेघर कर देगा और यह स्वतंत्र भारत में सबसे बड़ी तबाही होगी। इस संबंध में जारी एक सार्वजनिक नोटिस में कहा गया है कि हाल में एक भ्रामक अभियान चलाया गया कि नगर निगम अनधिकृत कॉलोनियों में इमारतों तथा दुकानों को ध्वस्त कर देगा। इसमें कहा गया है, यह स्पष्ट किया जाता है कि एमसीडी की ऐसी कोई योजना नहीं है। पार्कों तथा सड़कों पर अतिक्रमण इसलिए हटाया जा रहा है क्योंकि दिल्ली के लोगों को साफ एवं स्वच्छ सड़क, पार्कों और आसपास साफ-सफाई का अधिकार है…इस संबंध में किसी भी स्पष्टीकरण/सूचना के लिए प्रेस एवं सूचना निदेशालय के मोबाइल नंबर पर संपर्क कर सकते हैं।
नोटिस में कहा गया है कि एमसीडी दिल्ली के लोगों की सेवा में है और हमेशा रहेगा। नगर निगम ने कहा, नागरिकों से ऐसे किसी भ्रामक अभियान के झांसे में न आने का अनुरोध किया जाता है। एमसीडी के एक अधिकारी ने कहा कि ऐसा नोटिस जारी करने की आवश्यकता है क्योंकि विपक्षी दल अतिक्रमण अभियान की आड़ में गरीबों को निशाना बनाकर एमडीसी की झूठी धारणा बना रहे हैं। उन्होंने कहा, ये आरोप सही नहीं हैं। कब्जे वाली सरकारी जमीन और सड़कों को मुक्त कराने के लिए अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई की जाती है। अगर कोई संदेह हो तो लोग किसी भी अतिक्रमण या ध्वस्त करने की कार्रवाई पर स्पष्टीकरण के लिए दिए गए नंबर पर फोन कर सकते हैं।
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