आम आदमी पार्टी (आप) ने कहा है कि दिल्ली के विधायकों की सैलरी सभी राज्यों के विधायकों के मुकाबले सबसे कम है। आप के मुख्य प्रवक्ता और विधायक सौरभ भारद्वाज ने आज यहां संवाददाता सम्मेलन में कहा कि दिल्ली में जब 2015 में आप की सरकार बनी थी तो सरकार और विधायकों का मानना था कि किसी भी विधायक के लिए यह जरूरी है कि उसको एक सम्मानजनक वेतन मिले, ताकि वह बिना किसी बाहरी लोभ के सैलरी से अपने परिवार का गुजारा कर सके और समाज की सेवा में अपना शत-प्रतिशत योगदान दे सके। जाहिर सी बात है आप किसी विधायक से यह अपेक्षा करेंगे कि वह विधायक की जिम्मेदारियों का भी निर्वहन करे और कोई काम धंधा भी करे, जिससे उसका घर भी चलें तो वह जनता की सेवा में पूरी तरह से समर्पित नहीं हो पायेगा।
उन्होंने कहा, जब हम लोग विधायक बने तब विधायक की सैलरी 12 हजार रुपए थी। हमने उसको बढ़ाने के लिए एक विधेयक पास किया, जो केंद्र सरकार को भेजा। 2015 से लेकर 2022 तक करीब सात साल से वह विधेयक फंसा हुआ था। सात साल से दिल्ली विधानसभा के अंदर विधायकों की सैलरी जो थी वह करीब 12 हजार रुपए थी। इसके अलावा उनको विधानसभा क्षेत्र अलाउंस, कन्वेंस अलाउंस, टेलीफोन अलाउंस, सेक्रेटिएट अलाउंस और भत्ते मिलाकर 54 हजार सैलरी मिलती थी। उन्होंने कहा कि दिल्ली के विधायक की तनख्वाह इंटरनेट और वेबसाइट पर देखते हैं तो दो लाख 10 हजार बताई जाती है। यह हम सब के लिए काफी दुख की बात रही। विधायकों की सैलरी 12 हजार होने के बावजूद भी ज्यादातर वेबसाइटों पर दल्लिी के विधायकों की सैलरी दो लाख 10 हजार रुपए दिखाई जा रही है जो की पूरी तरह से झूठ है।
आप प्रवक्ता ने कहा कि जब केंद्र को एक विधेयक भेजा गया तो केंद्र सरकार की तरफ से सुझाव आया कि इस सैलरी को 12 हजार से बढ़ाकर 30 हजार कर दें। हमारा सुझाव ज्यादा था लेकिन केंद्र ने कहा कि आप 30 हजार कर लें। केंद्र ने इसी तरीके से सारे भत्तों को लेकर अपनी तरफ से सुझाव दिए की विधानसभा क्षेत्र अलाउंस को 18 हजार से बढ़ाकर 25 हजार, कन्वेंस अलाउंस 6 हजार से बढ़ाकर 10 हजार, टेलीफोन अलाउंस 8 हजार से 10 हजार, सेक्रिटिएट अलाउंस 10 हजार से बढ़ाकर 15 हजार कर लें। अब जब विधायकों की सैलरी 12 हजार से बढ़कर 30 हजार करने का सुझाव दिया है। सभी भत्ते, ऑफिस और सेक्रेटिएट आदि का किराया मिलाकर पहले जो 54 हजार रुपए विधायकों को मिलते थे, वह बढ़कर 90 हजार करने की केंद्र सरकार ने अनुमति दी है। ऐसा नहीं है कि अभी विधायकों की तनख्वाह बढ़ गई है। अभी इसे दिल्ली विधानसभा में रखा जाएगा, पास किया जाएगा और फिर नोटिफाई किया जाएगा। इसके बाद दिल्ली विधानसभा के विधायकों की सैलरी 12 हजार से बढ़कर 30 हजार हो जाएगी और सभी भत्ते मिलाकर 90 हजार हो जाएगी।
उन्होंने कहा कि दूसरी तरफ बाकी राज्यों में विधायकों की कितनी तनख्वाह है, यह जानकार आप हैरान हो जाएंगे। तेलंगाना के अंदर विधायकों की तनख्वाह ढाई लाख रुपए, महाराष्ट्र के अंदर 2.32 लाख रुपए, उत्तर प्रदेश के अंदर 1.87 लाख रुपए, जम्मू-कश्मीर के अंदर 1.60 लाख रुपए, उत्तराखंड के अंदर 1.60 लाख रुपए, आंध्र प्रदेश के अंदर 1.30 लाख रुपए, हिमाचल प्रदेश में 1.25 लाख रुपए, राजस्थान में 1.25 लाख रुपए, गोवा में विधायकों की सैलरी 1.17 लाख रुपए, हरियाणा में 1.15 लाख रुपए, पंजाब में 1.14 लाख रुपए है। इस सैलरी के हिसाब से कहा जा सकता है कि दल्लिी के विधायकों की सैलरी सभी राज्यों के विधायकों के मुकाबले सबसे कम है।