Delhi News: आपका मुवक्किल बिन बुलाया मेहमान, दिल्ली हाईकोर्ट ने खारिज किया नफरत भरे भाषण संबंधी याचिका में हस्तक्षेप आवेदन

0
204

Delhi danga News: दिल्ली उच्च न्यायालय ने एक याचिका की विचारनीयता को चुनौती देने वाले आवेदन पर गौर करने से इनकार कर दिया। संबंधित याचिका में कथित रूप से नफरत भरे भाषण देने को लेकर कुछ नेताओं के विरूद्ध जांच की मांग की गयी है जिससे नागरिकता संशोधन अधिनियम के विरूद्ध प्रदर्शन के आलोक में फरवरी में हिंसा भड़की थी। अदालत ने कहा कि वह दखल संबंधी आवेदन को मंजूर नहीं कर रही है और उसने इसे भविष्य के लिए लंबित रखने से भी इनकार कर दिया।

न्यायमूर्ति सिद्धार्थ मृदुल और न्यायमूर्ति अनूप जयराम भमभानी की पीठ ने कहा, हम आपको अपना फैसला बता रहे हैं, यह खारिज किया जाता है। आप आवश्यक रूप से या उपयुक्त पक्ष नहीं है। कृपया इसे सर्कस नहीं बनाये। हम इसे लंबित नहीं रख रहे हैं। आपका मुवक्किल बिन बुलाया मेहमान है। अदालत शेख मुजतबा फारूक की लंबित याचिका में एक वकील की ओर से दायर हस्तक्षेप आवदेन पर सुनवाई कर रही थी। फारूक ने भाजपा नेताओं–अनुराग ठाकुर, कपिल मिश्रा, प्रवेश वर्मा और अभय वर्मा के विरूद्ध प्राथमिकी दर्ज करने एवं जांच की मांग की है।

हस्तक्षेप आवेदन दायर करने वाले आवेदक के वकील पवन नारंग ने कहा कि याचिकाकर्ता फारूक का याचिका दायर करने का कोई अधिकार क्षेत्र नहीं है क्योंकि, उच्चतम न्यायालय के अनुसार जनहित याचिकाओं के सिलसिले, यदि याचिकाकर्ता पुलिस के पास नहीं गया है, तो उसकी याचिका पर सुनवाई नहीं होनी चाहिए। वकील ने कहा कि यह जनहित याचिका नहीं बल्कि प्रचार पाने का वाद है। इस पर अदालत ने कहा, आप यह कहने वाले कौन हैं? आप संबंधित पक्ष नहीं हैं। यह याचिकाकर्ता के लिए प्रचार पाने का है या आपके लिए, हम नहीं जानते।

हम उच्चतम न्यायालय के फैसले से अवगत हैं। हम आपको दखल नहीं देने दे रहे है। हमें पता है कि जनहित याचिका का दायरा क्या है। अदालत ने कहा, यहां स्थिति की विडंबना देखिए कि हस्तक्षेपकर्ता अर्जी दायर करता है कि याचिका विचारयोग्य नहीं है। लंबित याचिका में अवरोध पैदा करने की अनुमति देने का सवाल ही नहीं है। यदि याचिकाकर्ता का अधिकार क्षेत्र नहीं है तो हस्तक्षेपकर्ता को भी इस परिदृश्य में, इसके आसपास भी नहीं होना चाहिए। उसके बाद नारंग ने आवेदन वापस लेने की अनुमति मांगी और पीठ ने मंजूरी दे दी।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here