तीनों निगमों का एकीकरण होने के बाद उत्तरी दिल्ली नगर निगम और दक्षिण दिल्ली नगर निगम के बीच चल रहा 2457 करोड़ रुपये का किराया राशि का विवाद खत्म हो जाएगा। इस राशि को लेकर आप पार्टी के नेता विपक्ष और पार्षद घोटाले का आरोप उत्तरी निगम पर लगाते आ रहे हैं। इस जानकारी देते हुए उत्तरी निगम के पूर्व महापौर जयप्रकाश का कहना है कि बंटवारे के समय दक्षिण को आधा मेंटीनेंस देने के लिए तय हुआ था जो दक्षिण निगम दे रहा है।
जानकारी के मुताबिक उत्तरी निगम में नेता विपक्ष सहित अन्य पार्षदों ने 2457 करोड़ रुपये के घोटाला होने के मुद्दे को सदन और स्थायी समिति की बैठक में उठाया था। इस राशि के विवाद हो लेकर आज भी आप और भाजपा के पार्षदों के बीच एक दूसरे पर आरोप -प्रत्यारोप का सिलसिला चल रहा है। इस संबंध में पूर्व महापौर जयप्रकाश का कहना है कि उत्तरी निगम की आर्थिक स्थिति को देखते हुए करीब तीन साल पहले राजस्व बढ़ाने के लिए उत्तरी निगम की बैलेंस शीट में इस राशि को शामिल किया गया था। तभी यह राशि प्रत्येक वित्त वर्ष में बकाया राशि के तौर पर सामने आती है।
उन्होंने बताया कि जब निगम का बंटवारा हुआ था तो दक्षिण निगम से किराया देने की कोई बात नहीं थी बल्कि मेंटीनेंस देने की बात थी जो प्रतिमाह दक्षिण निगम से आधा लिया जाता है। उनका कहना है कि तीनों निगमों का एकीकरण होने के बाद यह विवाद समाप्त हो जाएगा।