राजधानी की तिहाड़ जेल के अधिकारियों ने बुधवार को दिल्ली की एक अदालत को 30 जून का सीसीटीवी फुटेज सौंपा, जब जेल परिसर के अंदर सुरक्षा जांच के दौरान जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) के पूर्व छात्र शरजील इमाम पर कथित तौर पर हमला किया गया था और आतंकवादी कहकर पुकारा गया था। मुकदमे की सुनवाई अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश अमिताभ रावत के समक्ष हुई, जो 2020 के उत्तर-पूर्वी दिल्ली दंगों की कथित साजिश से जुड़े एक मामले में इमाम की अंतरिम जमानत याचिका पर सुनवाई कर रहे थे।
संक्षिप्त सुनवाई के दौरान इमाम की ओर से पेश अधिवक्ता अहमद इब्राहिम ने कहा कि आरोपियों के खिलाफ कई मामले मुख्य रूप से भाषणों से संबंधित हैं, जो वर्तमान आपराधिक अभियोजन का विषय थे।
वकील ने कहा, ”इमाम जमानत के लिए आवश्यक तीन शर्तों को पूरा करता है क्योंकि उसके न तो विदेश भागने की आशंका है, न ही गवाहों को प्रभावित करने या सबूतों के साथ छेड़छाड़ करने का हर जोखिम है। उन्होंने कहा कि जहां तक गैर-कानूनी गतिविधि निरोधक कानून (यूएपीए) की धारा 13 के तहत आरोप का सवाल है तो इमाम ने अपने भाषणों में ”हिंसा या हिंसक गतिविधियों के लिए उकसाने” का कोई काम नहीं किया था। विशेष सरकारी वकील अमित प्रसाद ने कहा कि अंतरिम जमानत के लिए अदालत को अपराध की गंभीरता पर विचार करना होगा। अदालत ने अंतरिम जमानत अर्जी पर सुनवाई 23 जुलाई के लिए स्थगित कर दी।