कश्मीर घाटी में आतंकी गतिविधियों पर नजर रखने के लिए ड्रोन और अन्य अत्याधुनिक उपकरणों की संख्या बढ़ाई जाएगी। सुरक्षा एजेंसियों की ड्रोन आपरेशन की ट्रेनिंग को पुख्ता करने के लिए विशेषज्ञों की मदद भी ली जा रही है। सुरक्षा एजेंसी से जुड़े सूत्रों का कहना है कि ड्रोन के जरिए आतंकी संगठनों की हलचल पर नजर ओर नागरिकों की सुरक्षा का समेकित प्लान बनाया गया है। ड्रोन ग्रिड के जरिए एक कंट्रोल रूम से कई ड्रोन को जोड़कर सुरक्षा तंत्र को पुख्ता बनाया जा रहा है।
सूत्रों ने कहा कि कश्मीर में तैनात सीआरपीएफ के अलावा अन्य सुरक्षा बलों,स्थानीय पुलिस और सुरक्षा एजेंसियों के प्रतिनिधि इस सुरक्षा तंत्र में शामिल होंगे। सूत्रों ने कहा कि कश्मीर में सुरक्षा बल ड्रोन ग्रिड के ज़रिए उन इलाकों पर नज़र रखेंगे जो खास संवेदनशील श्रेणी में हैं। दक्षिण कश्मीर के कई इलाकों में ड्रोन निगरानी की व्यवस्था की गई है। आतंकियों की संदिग्ध गतिविधि की जानकारी इलाको को लक्षित करके वहां ड्रोन की निगरानी के अलावा अत्याधुनिक तकनीकी उपकरणों की मदद से सूक्ष्म स्तर पर सर्विलांस के लिए एजेंसियो को उपकरण मुहैया कराए जा रहे हैं। सूत्रों ने कहा कि अब कश्मीर पुलिस और सीआरपीएफ मिलकर ड्रोन के ज़रिए उन इलाकों की भी निगरानी कर रहे हैं जहां अल्पसंख्यक समुदाय के लोग रहते हैं। कश्मीर में ऐसे एक दर्जन से ज्यादा इलाकों की पहचान हुई है जहां अल्पसंख्यक हिन्दू और सिख रहते हैं। इन इलाकों की सुरक्षा ड्रोन से की जा रही है।
सूत्रों ने कहा, एक साथ कई ड्रोन के ज़रिए कश्मीर के विभिन्न इलाकों पर नज़र बनाए रखने की योजना पर काम हो रहा है। संवेदनशील इलाकों की लाइव वीडियो कंट्रोल रूम तक पहुंचाए जायेंगे और इसके ज़रिए उन इलाकों में हो रही किसी भी संदिग्ध गतिविधि पर नज़र रखी जा सकेगी।
ड्रोन के लाइव वीडियो में किसी भी संदिग्ध गतिविधि का पता चलते ही कंट्रोल रूम से उस इलाके में तैनात सुरक्षा बलों को तुरंत सूचित किया जाएगा, ताकि किसी अप्रिय घटना को समय से रोका जा सके।