उत्तरी दिल्ली नगर निगम (एनडीएमसी) ने नरेला जोन के अधिकारियों से मुंडका स्थित उस इमारत के क्षेत्र प्रकार और निर्माण के संभावित वर्ष सहित एक विस्तृत रिपोर्ट मांगी, जहां आग लगने से कम से कम 27 लोगों की जान चली गई। यह जानकारी अधिकारियों ने दी। उत्तरी दिल्ली नगर निगम ने जोनल आयुक्तों को अपने क्षेत्रों में एक विस्तृत सर्वेक्षण करने का आदेश दिया। एनडीएमसी अधिकारियों द्वारा जारी आदेश के अनुसार, नोटिस जारी किए जाएं और उचित दंडात्मक कार्रवाई की जाए। यह प्रक्रिया 10 दिनों के भीतर पूरी की जाए और फैक्टरी लाइसेंस विभाग के अतिरिक्त आयुक्त प्रभारी को कार्रवाई रिपोर्ट सौंपी जाए।
पुलिस ने बताया कि परिजन अभी भी अपने प्रियजनों की तलाश कर रहे हैं क्योंकि 29 लोगों का कोई पता नहीं चल पा रहा है। एनडीएमसी आयुक्त संजय गोयल ने स्थानीय निकाय अधिकारियों से इस मुद्दे को सर्वोच्च प्राथमिकता के साथ देखने को कहा है। पत्र में कहा गया है कि ब्योरा 48 घंटों के भीतर जमा करना होगा। इसमें कहा गया है कि यह भी पता चला है कि आग शॉर्ट सर्किट के कारण लगी। एनडीएमसी ने उनसे उस क्षेत्र के प्रकार के बारे में विवरण प्रस्तुत करने के लिए कहा है जहां इमारत स्थित है। पत्र में भवन के निर्माण वर्ष और इसकी ऊंचाई के बारे में ब्योरा मुहैया कराने को कहा गया है और यह भी बताने को कहा गया है कि संरचना पुरानी थी या नयी तथा क्या वहां कोई निर्माण चल रहा था।
पत्र में सवाल किया गया है कि भवन योजना स्वीकृत थी या नहीं और यदि नहीं तो उसका कारण क्या है। साथ ही जिस उद्देश्य के लिए भवन का उपयोग किया जा रहा था, वह अनुमेय था या नहीं और क्या कब्जाधारी द्वारा अग्निशमन विभाग से कोई अनापत्ति अनापत्ति प्रमाण पत्र (एनओसी) प्राप्त किया गया था या नहीं। कारखाना लाइसेंस, व्यापार लाइसेंस, रूपांतरण शुल्क, संपत्ति कर या अन्य बकाया भुगतान किया गया था या नहीं, इस बारे में संबंधित विवरण भी मांगा गया है। साथ ही, यदि भवन से संबंधित किसी भी उल्लंघन के लिए अतीत में कोई कारण बताओ नोटिस या अन्य दंडात्मक कार्रवाई की गई है, तो एनडीएमसी ने उसके बारे में भी जानकारी मांगी है।
आग शुक्रवार को उस इमारत की पहली मंजिल से शुरू हुई थी जिसमें एक सीसीटीवी कैमरा और राउटर निर्माण और असेंबलिंग कंपनी का कार्यालय था। दमकल विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने शनिवार को दिन में कहा कि मुंडका भवन में एक ही प्रवेश और निकास बिंदु था, जो हताहतों की अधिक संख्या का कारण बना हो सकता है। अधिकारी ने कहा कि इमारत के पास अग्निशमन विभाग से अनापत्ति प्रमाण पत्र (एनओसी) भी नहीं था। दमकल विभाग के अनुसार, इमारत में जले हुए अवशेष पाए जाने के कारण मरने वालों की संख्या बढ़कर 30 तक हो सकती है। 12 घायलों का यहां एक अस्पताल में इलाज चल रहा है।