Delhi News: दिल्ली में प्रदूषण की रोकथाम को लेकर नया कदम, जुलाई से इन 19 चीजों पर होगी पाबंदी

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FILE - In this Sept. 20, 2016, file photo, women walk with plastic bags through Chinatown in San Francisco. California voters have narrowly approved a statewide ban on single-use plastic carryout bags. Proposition 67 was placed on the November 8, 2016, ballot by plastic bag industry supporters to try to overturn a ban approved by the state legislature two years ago. (AP Photo/Eric Risberg, File)

Delhi Latest news in hindi: नई दिल्ली। जुलाई महीने से प्लास्टिक से बनी उन्नीस चीजों पर पाबंदी रहेगी। दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति ने एकल उपयोग प्लास्टिक से बनी इन उन्नीस वस्तुओँ की लिस्ट जारी की है। एक जुलाई से इनके उपयोग, वितरण, स्टोरेज, बिक्री आदि पर रोक रहेगी। दिल्ली समेत पूरे देश में ही प्लास्टिक प्रदूषण में तेजी से इजाफा हो रहा है। प्लास्टिक की वस्तुएं जैविक तौर पर जल्दी अपगठित नहीं होती हैं और लंबे समय तक पर्यावरण में बनी रहती हैं। इनके जलाने से भी बेहद हानिकारक गैस निकलती है। इन सब नुकसान को देखते हुए भारत सरकार ने एक जुलाई से एकल उपयोग प्लास्टिक पर पाबंदी की घोषणा की है।

राजधानी दिल्ली में भी इसे लेकर अधिसूचना जारी की जा चुकी है और एकल उपयोग प्लास्टिक की वस्तुएं बनाने, उनकी बिक्री करने, उपयोग करने, स्टोरेज करने आदि पर रोक की घोषणा की जा चुकी है। अब दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति ने इस पर एक कदम आगे बढ़ाते हुए ऐसी उन्नीस वस्तुओं की सूची जारी की है, जिन पर एक जुलाई से पूरी तरह पाबंदी लागू होनी है। ये ऐसी वस्तुएं हैं, जिनका रोजमर्रा के जीवन में बहुत ही ज्यादा इस्तेमाल किया जाता है। इसके चलते प्लास्टिक प्रदूषण में इनकी हिस्सेदारी भी बहुत ज्यादा है। समिति द्वारा उन्नीस वस्तुओं की विशेषीकृत सूची जारी किए जाने से इन पर लगने वाली पाबंदी को ज्यादा आसानी से लागू किया जा सकेगा।

इन चीजों पर रहेगी पाबंदी

प्लास्टिक स्टिक वाले ईयर बड, गुब्बारे में लगी प्लास्टिक स्टिक, प्लास्टिक के झंडे, कैंडी स्टिक, आइसक्रीम स्टिक, सजावट में इस्तेमाल होने वाले पोलिस्ट्रीन (थर्माकोल), प्लेट, कप, गिलास, फोर्क, चम्मच, चाकू, स्ट्रा, ट्रे, मिठाई के डिब्बों पर लपेटी जाने वाली प्लास्टिक, इंवीटेशन कार्ड, सिगरेट के पैकेट, 100 माइक्रोन से कम मोटाई वाले प्लास्टिक या पीवीसी के बैनर और स्टरर आदि उन्नीस वस्तुओं पर प्रतिबंध रहेगा।

सालाना पैदा होता पैंतीस लाख टन प्लास्टिक कचरा

देश में हर साल 35 लाख टन प्लास्टिक कचरा पैदा होता है। पिछले पांच सालों मे प्रति व्यक्ति प्लास्टिक अपशिष्ट का उत्पादन दोगुने से भी ज्यादा हो चुका है। इसमें से बहुत सारा प्लास्टिक ऐसा है जिसे रीसाइकिल करके दोबारा उपयोग में लाया जा सकता है। लेकिन, एकल उपयोग प्लास्टिक को दोबारा इस्तेमाल नहीं किया जा सकता है। इसलिए ये पर्यावरण के लिए बड़ी समस्या बन जाते हैं।

दिल्ली पैदा करती है सबसे ज्यादा प्लास्टिक कचरा

हाल ही में जारी विज्ञान एवं पर्यावरण केन्द्र की रिपोर्ट बताती है कि देश में सबसे ज्यादा प्लास्टिक कचरा दिल्ली में निकलता है। हर दिन दिल्ली में 689 टन से ज्यादा प्लास्टिक कचरा निकलता है। देश के महानगर शहरों में यह सबसे ज्यादा है। दिल्ली के बाद कोलकाता दूसरे, चेन्नई तीसरे और मुंबई चौथे नंबर पर है। कोलकाता में प्रतिदिन 429.5 टन, चेन्नई में 429.4 टन और मुंबई में प्रतिदिन 427.1 टन कचरा निकलता है।

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