Delhi today nes in hindi: आवक बढ़ने के साथ ही मंडियों में सब्जियों की थोक कीमतों में पांच से 10 फीसदी की गिरावट आई है। फुटकर में 300 रुपये रुपये से अधिक के भाव में बिक रहे नींबू की आवक बढ़ी है, जिसके बाद न्यूनतम दरों में गिरावट आई है। आजादपुर मंडी में नींबू की थोक कीमतें 120 से 150 रुपये प्रति किलो के बीच रही। इस तरह से मिर्च भी थोक में 30-45 रुपये प्रति किलो के हिसाब से बिकी लेकिन थोक कीमतों में गिरावट का कोई असर फुटकर बाजार में देखने को नहीं मिल रहा है। हालांकि फुटकर दुकानदारों का तर्क है कि मंडी से थोक में सब्जी की खरीद होती है, जिसमें कुछ प्रतिशत खराब निकल जाती है। वहीं, मंडी से दुकान तक सब्जी लाने का खर्च भी बढ़ गया है। पहले 500 रुपये में छोटे हल्के व्यावसायिक वाहन से 400 रुपये लगते थे अब सीधे 600 से सात सौ रुपये लग रहे हैं।
पांच से दस फीसदी खराब निकली है सब्जी
आजादपुर मंडी के आढ़ती जयकिशन कहते हैं कि कीमतों में कुछ नरमी आई है। नींबू भी कुछ सस्ता हुआ है। खासकर औसत गुणवत्ता वाले नींबू के दाम गिरे हैं। आजादपुर मंडी में नींबू की आढ़त चलाने वाले महेंद्र कहते है कि अब लगातार 15-10 गाड़ी नींबू आ रहे हैं। जबकि तीन-चार दिन पहले नींबू की 12-14 गाड़ी आ रही थी और एक हफ्ते पहले इनकी संख्या 10 से भी नीचे थे लेकिन आवक लगातार बढ़ रही है, जिससे कुछ गिरावट आई है। दूसरी तरफ कीर्ति नगर में सब्जी की दुकान लगाने वाले रामचंद्र कहते हैं कि गर्मी में सब्जी जल्दी खराब होती है। हम भी मंडी से जो सब्जी लाते हैं उसमें अंदर से पांच-दस फीसदी खराब निकल जाती है। ऊपर से मालभाड़ा बढ़ने के कारण मंडी से दुकान तक सब्जी को लाने का खर्च बढ़ गया है। ऐसे में खर्च निकल पाना भी मुश्किल है। टमाटर की कैरेट 25 किलो की आती है, जिसमें एक दो किलो खराब निकल जाते है। बाकी समय से न बिके तो एक दो किलो खराब हो जाता है। इसलिए सारे चीजों को सोचकर बाजार में सब्जी बेचने की कीमतें तय की जाती हैं।