राष्ट्रीय राजधानी में रोहिंग्या मुसलमानों को बसाने संबंधी विवाद के बीच भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की दिल्ली इकाई ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की दिल्ली सरकार पर बृहस्पतिवार को निशाना साधते हुए दावा किया कि उनके अधिकारियों ने आर्थिक रूप से कमजोर (ईडब्ल्यूएस) श्रेणी के फ्लैट घुसपैठियों को देने का अनुरोध करते हुए एक के बाद एक कई पत्र लिखे। भाजपा की दिल्ली इकाई के अध्यक्ष आदेश गुप्ता ने आरोप लगाया कि केजरीवाल सरकार ने यहां एक शिविर में रह रहे पाकिस्तानी हिंदू शरणार्थियों को उचित बिजली कनेक्शन तक नहीं दिया है, लेकिन उसने रोहिंग्या मुसलमानों के लिए उचित आवास, भोजन और अन्य सभी सुविधाएं सुनिश्चित की हैं।
गुप्ता ने कहा, ”रोहिंग्या मुसलमानों को ईडब्ल्यूएस फ्लैट उपलब्ध कराने के संबंध में दिल्ली सरकार के गृह विभाग और उसके जिला मजिस्ट्रेट (दक्षिण पूर्व) से एफआरआरओ (विदेशी क्षेत्रीय पंजीकरण कार्यालय), एनडीएमसी (नयी दिल्ली नगरपालिका परिषद) और संबंधित डीसीपी (पुलिस उपायुक्त) को कई पत्र भेजे गए। आधिकारिक दस्तावेजों से दर्शाया गया है कि केंद्र सरकार और दिल्ली सरकार की एजेंसी दक्षिणी दिल्ली के मदनपुर खादर में एक अस्थायी बस्ती में रह रहे रोहिंग्या परिवारों को पिछले साल जून में आग लगने के बाद स्थानांतरित करने के विकल्प पर काम कर रही है। दस्तावेजों से पता चलता है कि 1,200 रोहिंग्या मुसलमानों को दिल्ली सरकार की एजेंसी दिल्ली शहरी आश्रय सुधार बोर्ड (डीयूएसआईबी) द्वारा बक्करवाला में निर्मित 240 ईडब्ल्यूएस फ्लैट में रखने का प्रस्ताव था, लेकिन दिल्ली पुलिस द्वारा लंबित सुरक्षा लेखा परीक्षा के कारण यह कदम नहीं उठाया गया।
आम आदमी पार्टी (आप) ने आरोप लगाया है कि भाजपा शासित केंद्र सरकार की दिल्ली में रोहिंग्याओं को स्थायी आवास मुहैया कराने की योजना है। केंद्रीय मंत्री हरदीप पुरी ने बाह्य दिल्ली इलाके में रोहिंग्या को स्थानांतरित करने के प्रस्ताव की बुधवार को एक ट्वीट के जरिए प्रशंसा करते हुए कहा था कि यह कदम केंद्र सरकार को बदनाम करने वाले कई लोगों को चुप करा देगा। इसके कुछ ही देर बाद केंद्रीय गृह मंत्रालय ने एक बयान जारी करके कहा था कि इस प्रकार की कोई योजना नहीं है। केंद्रीय गृह मंत्रालय के बयान के बाद दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने बुधवार को आरोप लगाया कि भाजपा नीत केंद्र सरकार राष्ट्रीय राजधानी में रोहिंग्या शरणार्थियों को ‘स्थायी आवास’ देने की ‘गुपचुप’ कोशिश कर रही है। सिसोदिया ने केंद्रीय गृह मंत्रालय के इस दावे को खारिज कर दिया कि इस बारे में दिल्ली सरकार ने प्रस्ताव दिया था।